कहीं आपके घर के मंदिर में तो नहीं रखी हैं यह चीज़ें, जानें वास्तु शास्त्र के नियम
Mandir Vastu: घर के मंदिर में जरूर करें इन नियमों का पालन
हम सभी के घर में भगवान का मंदिर स्थापित है,हम सभी लोग श्रद्धा भाव से उस मंदिर में पूजा-पाठ करते हैं और भगवान से अपनी और अपने परिवार की खुशहाली की कामना करते हैं। हर कोई अपने घर के मंदिर को अलग-अलग ढंग से सजाता है, साफ करता है। लेकिन कई लोग,घर के मंदिर को लेकर वास्तु शास्त्र में दिए गए अहम नियमों के भूल जाते हैं। क्या आप भी सोच रहे हैं कि यह नियम कौन से हैं,तो चलिए बिना देरी किए हम आपको बताते हैं कि यह सभी नियम क्या हैं और इनका पालन न करने से आपके जीवन में क्या कुछ परेशानियां पैदा हो सकती है।
- वास्तु के अनुसार मंदिर हमेशा ईशान कोण या उत्तरी कोण दिशा में होना चाहिए। घर में मंदिर की सही दिशा होना सबसे जरूरी होता है। घर में मंदिर का होना सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। अगर पूजा घर में वास्तु दोष है तो घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ने लगेगी।
- मान्यता के अनुसार घर में पूजा घर की सही दिशा और पूजा घर में भगवान की मूर्तियों और तस्वीरों की सही दिशा का ज्ञान होना भी जरूरी है। कहते हैं अगर घर में बना मंदिर वास्तु विपरीत हो तो पूजा करते समय मन भी एकाग्र नहीं हो पाता और पूजा से लाभ भी नहीं मिलता।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर सही दिशा में होना चाहिए, अगर पूजा घर सही दिशा में नहीं होगा तो इससे लाभ नहीं होगा। इसलिए पूजा घर हमेशा घर की उत्तर दिशा में ही होना चाहिए।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण या पश्चिम दिशा अशुभ फलदाई होती है और घर के मंदिर में दो शंख साथ रखना भी सही नहीं है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार,पूजा घर में कभी भी खंडित मूर्तियों की स्थापना नहीं करनी चाहिए। ये सबसे अशुभ माना जाता है और इतना ही नहीं अगर आप खंडित मूर्तियों की पूजा करेंगे तो देवता नाराज हो जाएंगे।
- वास्तु के अनुसार,पूजा घर कभी भी भंडारगृह,बेडरूम और बेसमेंट में नहीं होना चाहिए,पूजा घर हमेशा एक खुले स्थान पर बनाना चाहिए|
- वास्तु शास्त्र के अनुसार,घर के मंदिर में एक भगवान की तस्वीर से ज्यादा तस्वीर न रखें|
- आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गणेश भगवान की 3 प्रतिमाएं मंदिर में न हों क्योंकि इस कारण से घर के शुभ कार्यों में अड़चने आती हैं|
- घर के मंदिर में देवी-देवताओं की हमेशा मुस्कुराती हुई तस्वीर ही लगानी चाहिए।
- देवी-देवताओं के उग्र रूप वाली तस्वीरें मंदिर में न रखें| ऐसा करना अशुभ माना गया है़ और इससे घर में नकारात्मकता फैलती है।
- पूजा घर में कभी भी फटी धार्मिक पुस्तकें नहीं रखनी चाहिए| अगर पुस्तकें फट गईं हैं तो उन्हें बहते जल में प्रवाहित कर दें।
- पूजा घर में देवी -देवता को कभी भी खंडित अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए। अगर मंदिर में ऐसे चावल है तो उन्हें हटाकर साबुत चावल रख दें।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार पूजा घर में कभी भी पितरों की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए। पूजा घर में ऐसी तस्वीर लगाना अशुभ माना जाता है | इसलिए पितरों की तस्वीर पूजा घर में न लगाकर घर के किसी दूसरी जगह लगा दें।
घर के मंदिर को लेकर वास्तु शास्त्र के नियम बेहद ही साफ हैं,कई लोग इन नियमों के बारे में जानते नहीं हैं और इसी कारण लगातार पूजा-पाठ करने के बाद भी उन्हें अपने घर-परिवार में अशांति का माहौल मिलता है और वह तरक्की करने में चूक जाते हैं।