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बृहस्पति के लिए ज्योतिषीय उपाय

Acharya Ashish Jaiprakash
बृहस्पति के लिए ज्योतिषीय उपाय

कुंडली में गुरु मजबूत करने के लिए करें ये उपाय

“ॐ गुरुवे नमः" या "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” जैसे मंत्रों का जाप करने से जातकों की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मज़बूत होती है और नकारात्मक प्रभावों में कमी आती है। इन मंत्रों का सुबह के समय में प्रतिदिन जाप करने की सलाह दी जाती है।
कुंडली में पीड़ित बृहस्पति के प्रभावों को कम करने के लिए बृहस्पतिवार के दिन व्रत रखना कारगर माना जाता है। व्रत की अवधि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक होती है और इसके बाद जातकों को सादा भोजन करना चाहिए।
बृहस्पति की शांति के लिए जातक विशेष पूजा भी करवा सकते हैं। हालांकि इसके लिए किसी विद्वान पुरोहित की सलाह लेनी चाहिए। इसमें जातकों को पूरे विधि-विधान के साथ पीले फूल, पीले चावल और बृहस्पति से जुड़ी अन्य वस्तुओं के साथ पूजा को संपन्न करना चाहिए। 
इसके अलावा जातक अपनी रोजमर्रा के जीवन में बादाम, अखरोट आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे बृहस्पति के दुष्प्रभावों में कमी आती है।
कुंडली में कमज़ोर या पीड़ित बृहस्पति के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए पीपल के पेड़ की भस्म का उपयोग भी बेहद कारगर माना जाता है।
इसके साथ ही जातक केले के पेड़ पर भी जल चढ़ा सकते हैं यह एक बेहद कारगर उपाय है।
पीले रंग का नीलम बृहस्पति का रत्न माना जाता है। इस रत्न को धारण करने से जातकों के जीवन में पीड़ित बृहस्पति के दुष्प्रभावों में कमी आती है। पीले रंग के नीलम को गुरुवार के दिन दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करना चाहिए।
गुरुवार के दिन धार्मिक कार्यों के लिए दान करने से भी कुंडली में पीड़ित या कमजोर बृहस्पति के दुष्प्रभावों में कमी आती है। जातक शैक्षिक संस्थाओं, धार्मिक संस्थाओं को दान कर सकते हैं।

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